डॉ. अजय कुमार डंडौतिया
मनुष्य के दैनिक जीवन में संवेगात्मक बुद्धि की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। मनुष्य के संवेगात्मक व्यवहार का प्रत्यक्षीकरण, उसकी अभिव्यक्ति, उसकी समझ एवं प्रबंधन का प्रत्यक्ष संबंध उसके जीवन में घटित होने वाली घटनाओं से होता है जिनका वे अनुभव करते हैं।
प्रस्तुत शोध अध्ययन का उद्देश्य युवाओं के संवेगात्मक बुद्धि स्तर पर योग शिक्षा के प्रभाव का अध्ययन करना है। इस शोध कार्य के लिए 100 युवाओं का चयन न्यादर्श के रूप में किया गया। युवाओं की संवेगात्मक बुद्धि ज्ञात करने के उद्देश्य से डॉ. एस. के. मंगल द्वारा निर्मित मंगल संवेगात्मक सूची का प्रशासन किया गया। पूर्व-पश्चात् परीक्षण विधि द्वारा आँकड़े का संग्रह किया गया। सांख्यिकी विश्लेषण हेतु मध्यमान, प्रामाणिक विचलन तथा क्रांतिक अनुपात ज्ञात किया गया। प्रस्तुत शोध अध्ययन के परिणाम 0.01 सार्थकता स्तर एवं 0.05 सार्थकता स्तर पर सार्थक पाये गए। परिणामों के आधार पर शून्य परिकल्पना निरस्त होती है। निष्कर्ष में कहा जा सकता है कि योग शिक्षा का युवाओं के संवेगात्मक बुद्धि स्तर पर सार्थक प्रभाव पड़ता है।
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